
जश्न ए विलादत ए मौला इमरान अबुतालिब अलेहीस्लाम

इमाम मौला इमरान इब्ने अब्दुल मुत्तलिब उर्फ अबू तालिब अलैहिस्सलाम का ज़िक्र
कुरान शरीफ पारा 3 सूरा आल ए इमरान आयत 33,34
इन्नल्लाहस्तफा़ आदमा व नूहवँ व आला इब्राहीमा व आला इमराना अलल आलमीना 33
ज़ुर्रैंयतन बादोहा मिन बाद वल्लाहो समीउन अलीम ०34
तर्जूमा :- अल्लाह ने चुन लिया आदम अलैहिस्सलाम और नूह अलैहिस्लाम को और इब्राहीम व इब्राहीम की औलाद और इमरान व इमरान की औलाद.अलैहिस्सलाम को
तमाम आलमीन मे और ये एक दूसरे की ज़ुर्रीयत यानी एक दूसरे की औलाद से
और अल्लाह सुन्ने जानने वाला है

उर्दू हिन्दी वगैरह मे एक के बाद दो मे जमअ (बहु वचन)का सीगा कहलाता है
लेकिन अरबी मे तीन के बाद चार मे जमअ का सीगा आता है और कुरान मे अल्लाह ने आयत मे आले इमरान का ज़िक्र यानी जमअ का सीगा है

कुरान पाक मे तीन इमरान अलैहिस्सलाम का ज़िक्र है
1 इमरान
हजरत मूसा अलैहिस्सलाम के वालिद जिनके दो बेटे हजरत मूसा और हजरत हारून अलैहिस्सलाम
2 इमरान ईसा अलैहिस्सलाम की माँ बीबी मरयम सलामुल्ला अलैहा के वालिद जिनकी सिर्फ एक बेटी बीबी मरयमऔर उनका सिर्फ एक बेटा ईसा अलैहिस्सलाम
3इमरान इब्ने अब्दुल मुत्तलिब मौला अली अलैहिस्सलाम के वालिद
और इनके बारह इमामैन औलाद जिनकी क़यामत तक नस्ले पाक है
(तेरी नस्ले पाक से है बच्चा बच्चा नूर का
तू है ऐने नूर तेरा सब घराना नूर का )
1 इमाम मौला अली इब्ने इमरान अबू तालिब अ.स.
2 इमाम हसन इब्ने मौला अली इब्न इमरान अबू तालिब अ.स.
3 इमाम हुसैन इब्ने मौला अली इब्ने इमरान अबू तालिब अ.स.
4 इमाम ज़ैनुल आबदीन इब्ने इमाम हुसैन इब्ने मौला अली इब्ने इमरानअबू तालिब अ.स.
5 इमाम बाक़र इब्ने इमाम ज़ैनुल आबदीन इब्न इमाम हुसैन इब्ने मौला अली इब्ने इमरान अबू तालिब अ.स.
6 इमाम ज़ाफ़र सादिक़ इब्ने इमाम बाक़र इब्ने इमाम ज़ैनुल आबदीन ईब्न इमाम हुसैन इब्ने मौला अली इब्ने इमरान अबू तालिब अ.स.
7 इमाम मूसा काज़िम इब्ने इमाम ज़ाफ़र सादिक़ इब्ने इमाम बाक़र इब्ने इमाम ज़ैनुल आबदीन इब्ने इमाम हुसैन इब्न मौला अली इब्ने इमरान अबू तालिब अ.स.
8 इमाम अली रज़ा इब्ने इमाम मूसा काज़िम इब्ने इमाम जाफ़र सादिक़ इब्ने इमाम बाक़र इब्ने इमाम ज़ैनुल आबदीन इब्न इमाम हुसैन इब्न मौला अली इब्ने इमरान अबू तालिब अ.स.
9 इमाम तक़ी इब्ने अली रज़ा इब्ने इमाम मूसा काज़िम इब्ने इमाम ज़ाफ़र सादिक इब्ने इमाम बाक़र इब्ने इमाम ज़ैनुल आबेदीन इब्ने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम

Yani : aur maim tumhe Muhammad ke sath khair aur bhalayi ki wasiyat karta hu yeh Quraysh me Amin
aur ʻArab me Ṣiddiq hai Aur un tamam tar sifat ke
jame hai jin ka me ne wasiyar me z̲ikr kiya hai yeh jo
paigham le kar tashrif laye hai mene use sache dil se qubool kar liya hai magar is baat ko un ke mukhalifin ki
wajh se zaban par nahi lata.
Madārij al-nubūwaṫ 2/48, Muḥaqqiq Dihlavi
farmāte haiṅ:
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى سَيِّدِنَا مُحَمَّدٍ وَعَلَى آلِ سَيِّدِنَا مُحَمَّد
