
अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास र.अ. से रिवायत है की अल्लाह के रसूल ﷺ ने फ़रमाया,
“अय औलादे अब्दुल मुत्तलिब, मैंने अल्लाह से तुम्हारे लिए तीन चीज़े मांगी; की वो तुम्हारे दिलो को (अपने दीन पर) साबित रखे, ये की वो सिखाये (अल्लाह का) दीन तुम्हारे जाहिल और अनपढ़ को और हिदायत दे तुम्हारे गुमराह को और ये की वो तुम्हे बना दे भला एहसान करने वाला, सखी और महबूब एक दूसरे लिये।
तो अगर कोई इंसान नमाज़े पढता रहे सारी जिंदगी रुक्न (काबतुल्लाह) और मक़ाम (मक़ाम इ इब्राहिम) के बीच खड़ा हो कर, और रोज़ा रखता रहे पर वो मरे इस हाल में की उसके दिल में हसद व किना हो एहलेबैत ए मुहम्मद ﷺ के लिये तो उसे जहन्नम में डाल दिया जायेगा। “
Imam Hakim ne is hadis ko Hasan Sahih kaha Muslim ki shart par lekin likha nahi hay, Zehbi ne ise muslim ki shart par sahih likha (Talkhis Mustadrak me)
Mustadrak al-Hakim – Jild 4, Page 293, Hadith : 4712
Kanz ul Ummal – Jild 11-12, Page 375, Hadith : 33910
Mujam al Kabir by Tabarani – Jild 11, Hadith : 11412
