
एक नाअहल (अयोग्य) को इल्म (ज्ञान) देना
हजारों बेगुनाहों (निर्दोषों) पर जुल्म (अत्याचार) करने के बराबर है।
मौला अली अलैहिस्लाम

एक नाअहल (अयोग्य) को इल्म (ज्ञान) देना
हजारों बेगुनाहों (निर्दोषों) पर जुल्म (अत्याचार) करने के बराबर है।
मौला अली अलैहिस्लाम